20 July 2021

مرا تو کام ہے دورہ گلی گلی کرنا.. سیف بابر(محمد سیف بابر)मिरा तो काम है दौरा गली गली करना..सैफ़ बाबर ‎(मोहम्मद सैफ़ बाबर)Mira To Kaam Hai Daura Gali Gali Karna.. ‏Saif Babar ‎(Mohd Saif Babar) ‏

غزل
مرا تو کام ہے دورہ گلی گلی کرنا
فقیر ہوں نہ ٹھہرنے کی بات بھی کرنا

میں بولتا ہوں یہاں سچ تو لوگ کہتے ہیں 
کہ جب بھی کرنا یہ باتیں جلی کٹی کرنا

وہ بھائ ہے تو یہ اکیسویں صدی بھی ہے
کسی امیر سے کیسی برابری کرنا

میں تجربات کو سرہانے رکھ کے سوتا ہوں 
اۓ خواب مجھ سے کبھی تو نہ دل لگی کرنا 

نہ لٹ ہی جائے یہ کردار کی کہیں دولت 
کبھی کسی سے نہ ایسی بھی دوستی کربا

کسی کو راس بھی ایا ہے اس زمانے میں 
بتاؤ "سیف" یہ باتیں کھری کھری کرنا
شاعر 
سیف بابر
(محمد سیف بابر)
                   +91 9936008545
ग़जल
मिरा तो काम है दौरा गली गली करना
फ़क़ीर हूँ न ठहरने की बात भी करना

मैं बोलता हूँ यहाँ सच तो लोग कहते हैं 
कि जब भी करना ये बातें जली कटी करना

वो भाई है तो ये इक्कीसवीं सदी भी है
किसी अमीर से कैसी बराबरी करना 

मैं तज्रिबात को सिरहाने रख के सोता हूँ
ऐ ख़्वाब मुझसे कभी तू न दिल लगी करना

न लुट ही जाए ये किरदार की कहीं दौलत
कभी किसी से न ऐसी भी दोस्ती करना 

किसी को रास भी आया है इस ज़माने में  
बताओ "सैफ़" ये बातें खरी खरी करना
शायर:-सैफ़ बाबर
(मोहम्मद सैफ़ बाबर)
+91 9936008545

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