19 June 2022

उनके दरस सा कोई भी दर्शन नहीं हुआ चितवन वो हाय जिसका समापन नहीं हुआ... सैफ़ बाबर(Mohd Saif Babar)اُن کے درس سا کوئی بھی درشن نہیں ہواچِتون وہ ہائے جس کا سماپن نہیں ہوا... سیف بابر(محمد سیف بابر)

उनके दरस सा कोई भी दर्शन नहीं हुआ 
चितवन वो हाय जिसका समापन नहीं हुआ

जी चाहा सपना लिख दूँ जो देखा है हू-बहू 
ख़त में वो हू-बहू  प्रिय वर्णन नहीं हुआ 

तेरी छवि न जिसमें नज़र आए वो तो फिर 
पत्थर हुआ मिरे लिए दर्पन नहीं हुआ 

इक दिल था सौंप कर उसे मैं उसका हो गया 
और वो भी मेरे प्रेम से बे-मन नहीं हुआ 

जिसमें न नाज़ुकी हो तिरि "सैफ़" क्या वो गुल 
तुझ सी महक न जिसमे हो चन्दन नहीं हुआ 
शाइर 
सैफ़ बाबर 
(मोहम्मद सैफ़ बाबर )
+91 9936008545

اُن کے درس سا کوئی بھی درشن نہیں ہوا
چِتون وہ ہائے جس کا سماپن نہیں ہوا

جی چاہا سپنا لِکھ روں جو دیکھا ہے ہُو بَہُو
خط میں وہ ہُو بَہُو پِریے ورڑن نہیں ہوا 

تیری چھوی نہ جس میں نظر آئے وہ تو پھِر
پتھر ہوا مرے لیے درپن نہیں ہوا

اک دل تھا سونپ کر اُسے میں اُس کا ہو گیا
اور وہ بھی میرے پریم سے بے من نہیں ہوا

جس میں نہ نازکی ہو تری "سیف" کیا گُل
تجھ سی مہک نہ جس میں ہو چندن نہیں ہوا
شاعر
سیف بابر
(محمد سیف بابر)
+91 9936008545 

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1- चितवन.... 
किसी की ओर प्रेम या अनुराग से देखने या ताकने की अवस्था, भाव या ढंग
दृष्टि; अवलोकन; निगाह
कटाक्ष

2-दरस 
दर्शन; दीदार
साक्षात्कार; भेंट; मुलाकात
रूप; छवि; ख़ूबसूरती; शोभा; सौंदर्य।

3-समापन
 समापन का हिंदी अर्थ
अंत; समाप्त करने की क्रिया
पूरा करना; पूर्ण
अवसान; अंजाम; आख़िर
विचार-विमर्श आदि का अंत करना; उपसंहार; इति; (बाइंडअप)
निष्पादन; निपटारा
संपादन।

4- वर्णन
 चित्रण
 किसी बात को ब्योरेवार कहना; मौखिक बयान
किसी बात को ब्योरेवार लिखना; लिखित बयान
गुणकथन

08 June 2022

फ़नकार हो सच्चा तो वो विचलित नहीं होता गर्दिश में व्यथित, वो तो कदाचित नहीं होता शायर:- सैफ़ बाबर (मोहम्मद सैफ़ बाबर)

फ़नकार हो सच्चा तो वो विचलित नहीं होता
गर्दिश में व्यथित, वो तो कदाचित नहीं होता 

धीरज का कभी साथ न छोड़ें जो वो बलवान 
संघर्ष में जीवन के पराजित नहीं होता 

तूफ़ान से टकरा के भी बढ़ता है जो आगे 
निश्चय की डगर पर कभी चिंतित नहीं होता 

पक्का हो इरादा तो इरादे में है मंज़िल 
मंज़िल से भटकता है जो निश्चित नहीं होता 

अर्पण में समर्पण में विसर्जन में है अर्जन 
यश मिलता नहीं उसको जो अर्पित नहीं होता

है सब्र बड़े काम का, जीवन में ये जाना
होती है विजय उसकी जो क्रोधित नहीं होता

मन उसका प्रफ़ुल्लित ही सदा क्यों न रहे "सैफ़" 
औरों की सफ़लता से जो पीड़ित नहीं होता 
शाइर 
सैफ़ बाबर 
(मोहम्मद सैफ़ बाबर)
 +91 9936008545

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